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🛠️ *लाॅकडाउन मजबूरी नहीं बल्कि जरूरी है*
😷 *ऐतिहासिक और विशेष इंटरफेथ कोविड-19 लाइव फोरम*
🌈 *भारत के धर्मगुरूओं ने किया एकता का आह्वान*
🟣 *हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख समुदाय के प्रख्यात धर्मगुरू ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस द्वारा आयोजित एक ऐतिहासिक वेबिनार के लिये एक साथ आये*
🔵 *स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और मौलाना महमूद मदनी जी ने फ्रंटलाइन वर्कर्स का समर्थन करने का किया आह्वान*
🟣 *हेल्थकेयर वर्कर्स को 3000 - 5000 पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) सुरक्षात्मक संस्करणों का किया दान तथा इस हेतु सभी धार्मिक समुदाय और धार्मिक नेताओं से अपील*
💥 *स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कोरोना वायरस शमन के लिये दो मिनट का मौन करवाया*
*ऋषिकेश, ।* ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और जल आपूर्ति स्वच्छता सहयोग परिषद् के संयुक्त तत्वाधान तथा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से आज ’’फेथ रिस्पांस टू कोविड - 19’’ का आयोजन किया गया जिसमें उच्चस्तरीय पैनल में परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, जमीयत उलेमा -ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी जी, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी की तरफ से सरदार राजवन्त सिंह जी, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, बौद्ध परिसंघ के महासचिव वेन धम्मापिया, फादर पाॅल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कार्यकारी निदेशक) कैरीटस इंडिया ने सहभाग कर कोविड - 19 के विषय में फैले स्टिग्मा, लाॅकडाउन के समय अपने संयम को कैसे बनायें रखे, परिवार और समुदाय की रक्षा कैसे करें, सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व, बार-बार हाथ धोना क्यों जरूरी है तथा इस समय का सदुपयोग कैसे करें जैसे अनेक जिज्ञासाओं का समाधान किया। साथ ही सभी धर्मगुरूओं ने बताया कि वे सभी धर्मगुरू अपने धार्मिक कार्यों के माध्यम से इस संकट के समय किस प्रकार मानवता की सेवा सकते है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि इस समय का उपयोग बाहर नहीं बल्कि भीतर जाने के लिये करें और लाॅकडाउन के समय सामाजिक अलगाव रखें लेकिन भावनात्मक अलगाव को न पनपने दें। स्वयं को ऊर्जावान बनायें रखने के लिये सकारात्मक बनें रहें। सभी जानते हैं, हमारा देश अभी कोरोना वायरस के कारण बहुत गंभीर स्थिति में है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत में पूरे 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। यह लाॅकडाउन वास्तव में भारत की जनता के लिये बहुत ही कठिन है लेकिन यह बहुत आवश्यक और साहसी कदम हैं जो माननीय प्रधानमंत्री जी को उठाना पड़ा।
डब्ल्यूएचओ और अन्य सभी विशेषज्ञों की जानकारी के अनुसार, बिना लॉकडाउन के हर एक दिन भारी पड़ता और असंख्य लोगों की जान को खतरा हो सकता था। देश की जनता को सुरक्षित रखना पहले नंबर की प्राथमिकता है। हालांकि, लॉकडाउन के परिणाम, उन लोगों के लिए, मुश्किल से मुश्किल हैं, जो श्रमिक हैं। यह अपरिहार्य, दुखद था, लेकिन और कोई विकल्प नहीं था।
स्वामी जी ने बताया कि लाॅकडाउन के समय परमार्थ निकेतन द्वारा स्वर्गाश्रम और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले संतों, भिक्षुओं, असहायों और बेघर लोगों को प्रातःकाल चाय और नाशता, दोपहर को भोजन प्रसाद और अन्य सुविधायें प्रदान की जा रही है। साथ ही निराश्रित गायों के लिये भी चारे की व्यवस्था कर रहा है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि आज पूरे विश्व में जो भी परेशानियां है उसका एक ही उत्तर है कि हम सभी मिलकर कार्य करें। साध्वी जी ने कहा कि लोग लाॅकडाउन के समय अपने अपने धार्मिक स्थलों पर जाना चाहते है उन्हें यह भी लग रहा होगा कि वहां जाने पर हमें कुछ रास्ता मिलेगा तो हमें लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि हमारी आस्था जिस पर भी है वह हर समय हमारे साथ है, हम आज जहां पर भी है वहीं से प्रार्थना करें वर्तमान समय में घर पर रहना ही पुण्य का कार्य है।
जमीयत उलेमा -ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी जी ने संदेश दिया कि जो भी हराम काम है वह मत करो तथा अपने आप को अपने परिवार को, देश को, मानवता को और इसंानियत को खतरे में मत डालो। इस समय हर तरह की मुश्किल को बरदाश्त कर लो ओर सोशल डिसटेंसिंग के जो नियम है उनका कड़ाई से पालन करने में ही सभी की भलाई है। उन्होने कहा कि केवल जरूरी कार्य करे और बाकी सभी कामों को खुदा के लिये अभी बाहर एक दम न निकले और इसका कड़ाई से पालन करें।
फादर पाॅल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कार्यकारी निदेशक) कैरीटस इंडिया मानव सेवा ही माधव सेवा और फेथ इन एक्शन का संदेश दिया।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने कहा कि भारत और भारत के बाहर भी हम गुरूद्वारों के माध्यम से लंगर की सेवा दे रहे हैं तथा जहां पर सरकारी सहायता नहीं पहुंच पा रही वहां पर भी हमारे सेवादार जाकर लंगर सेवा प्रदान कर रहे है।
बौद्ध परिसंघ के महासचिव वेन धम्मापिया ने कहा कि कोविड -19 से मुक्ति पाने के लिये सोशल डिसटेंसिंग जरूरी है अतः इसका पालन सभी को करना चाहिये।
श्री विनोद मिश्रा जी ने कहा कि सभी धर्मगुरूओं से निवेदन किया कि आपकी आवाज और प्रेरणा के माध्यम से बहुत कुछ परिवर्तन किया जा सकता हैं।
सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी जी ने इस महत्वपूर्ण चर्चा को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया तथा इस आयोजन के लिये जल आपूर्ति स्वच्छता सहयोग परिषद् और यूनिसेफ को धन्यवाद देते हुये कहा कि हम इस प्रकार के आयोजनों को आगे भी जारी रखेंगे।
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