विकास झा
हरिद्वार। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि कोई भी स्कूल प्रबंधन लॉक डॉउन के दौरान अभिभावकों को जमा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। लेकिन जो अभिभावक सक्षम हो उनसे फीस ली जा सकती है। जो फीस जमा नहीं होने पर भी बच्चों का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश में स्थित समस्त शासकीय, अशासकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अध्यनरत् छात्र.छात्राओं के ऐसे अभिभावकां से शुल्क जमा करने हेतु अनुमति प्रदान की जाती है। जो स्वेच्छा से शुल्क जमा करना चाहते हैं। उक्तानुसार एक बार मे केवल वर्तमान माह का ही शुल्क जमा किया जायेगा। विद्यालय द्वारा किसी भी दशा में आने वाले माहों का अग्रिम शुल्क एक साथ कदापि नही लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि शैक्षिक सत्र 2020-21 में निजी विद्यालय द्वारा किसी भी परिथिति में किसी भी प्रकार के शुल्क में वृद्वि नहीं की जायेगी। ऐसे छात्र छात्राओं जो लाॅकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तंगी के कारण मासिक शुल्क का भुगतान नहीं कर पा रहें है उनका नाम विद्यालय से पृथक नहीं किया जायेगा तथा उन्हें उक्त स्थिति सामान्य होने तक शुल्क भुगतान करने हेतु बाध्य नहीं किया जायेगा एवं उनका पठन पाठन आॅनलाईन अन्य संचार माध्यमों से भी यथावत रखा जायेगा। सभी शासकीयए अशासकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कार्मिकों का मासिक वेतन का भुगतान नियमित रूप से किया जायेगा। गत माहों में शासकीय अशासकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों द्वारा छात्रहित में आॅनलाईन एवं अन्य संचार माध्यमों द्वारा शिक्षण कार्य जारी रखा जायेगा। इस आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगे तथा उक्त आदेश का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
जिला अधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा के दृष्टिगत सम्पूर्ण भारत लाकडाउन 2 घोषित किया गया है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड शासन द्वारा अग्रिम आदेशों तक राज्य के समस्त विद्यालयों को बन्द रखा गया है। प्रदेश में संचालित शासकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों मे अध्ययनरत छात्र छात्राओं से कोरोना वायरस कोविड.19 संक्रमण विषयक स्थिति सामान्य होने तथा विद्यालयों तथा विद्यालयों के खोले जाने हेतु आदेश निर्गत किये जाने तक समस्त प्रकार के शुल्क लिये जाने पर तत्काल रोक लगायी गयी है। कतिपय निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा छात्र छात्राआं से शुल्क न प्राप्त न होने के कारण इन संस्थाओं में कार्यरत शिक्षक का र्मिकों को वेतन भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त की जा रही है। जिसके कारण सम्बन्धित शिक्षक कार्मिकों के समक्ष उक्त विषम परिस्थितियों में विकट आर्थिक कठिनाई उत्पन्न हो रही है। उक्त के दृष्टिगत सचिव माध्यमिक शिक्षा अनुभाग.उत्तराखण्ड शासन देहरादून द्वारा अपने शासनादेश के द्वारा निम्नवत् निर्देश जारी किये गये हैः