न्यूरोथेरेपी में बिना दवाई के मरीजों का इलाज संभव: अजय गांधी


- जम्मू यात्री भवन में लाजपत राय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटड्ढूट तीन दिवसीय अधिवेशन का हुआ शुभारम्भ



हरिद्वार। लाजपत राय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटड्ढूट के संरक्षक अजय गांधी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के छात्रों को चंडीगढ़ में निशुल्क न्यूरो थेरेपी का कोर्स सीखने का सौभाग्य मिल रहा है। रोजगार की दृष्टि से देखा जाए तो यह उत्तराखंड के छात्रों के लिए स्वर्णिम अवसर है । 12वीं की परीक्षा पास करने के उपरांत छात्र संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं। ऐसे छात्रों को केवल रहने और खाने का खर्च देना होगा । जबकि एक छात्र की फीस ₹60,000 तय है। 

लाजपत राय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटड्ढूट का रविवार को अखिल भारतीय न्यूरोथैरेपिस्ट आर्गेनाइजेशन का तीन दिवसीय वार्षिेक अधिवेशन जम्मू यात्री भवन में शुरू हुआ। इस मौके पर अजय गांधी ने बताया कि न्यूरोथेरेपी चिकित्सा में बिना दवाई के मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके प्रचार प्रसार के लिए संस्था की ओर से देश के विभिन्न प्रांतों में
 हर वर्ष 24, 25 व 26 जनवरी को संस्था का वार्षिक अधिवेशन किया जाता है।  इस बार उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार में अधिवेशन किया गया है। उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद में 10 न्यूरो थेरेपी ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने की कवायद चल रही है । इसके लिए उत्तराखण्ड के विद्यार्थियों को चंडीगढ़ में निःशुल्क कोर्स कराया जायेगा। वहीं संस्था की ओर से एक छात्र का प्रशिक्षण शुल्क 60 हजार रुपये  लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कुंभ में शिविर लगाने के लिए मेला प्रशासन से मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि पूरे उत्तराखंड में इन दिनों 15 सेंटर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए संगठन द्वारा स्थानीय युवाओं को खास रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए इच्छुक युवाओं को कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है।
पहले सत्र में न्यूरोथेरेपी चिकित्सा के क्षेत्र में हुई क्रांतिकारी उपलब्धियों व उसके भावी विकास की संभावनाओं की रूपरेखा आदि पर चर्चा हुई। इस मौके पर संरक्षक व संस्थापक महासचिव राम गोपाल परिहार ने कहा कि इस चिकित्सा विज्ञान का भविष्य बहुत उज्जवल है। यह प्रणाली पुरातन भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा की अनमोल देन है। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के क्षेत्र में भी इस चिकित्सा प्रणाली का कोई विकल्प नहीं है। इस चिकित्सा प्रणाली का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है। इसमें किसी भी प्रकार की औषधि का उपयोग नहीं होता है। शल्य-क्रिया को छोड़कर अन्य सभी रोगों में अत्यंत महत्वपूर्ण रूप से प्रभावी है। उन्होंने बताया कि देश भर में इसके दस हजार चिकित्सालय है, जहां से लगभग हर साल आठ लाख लोग इसका लाभ ले रहे हैं।
इसके पूर्व आर्गेनाइजेशन के संरक्षक अजय गांधी, संरक्षक व संस्थापक महासचिव राम गोपाल परिहार, प्रधान अजय कुशवाहा, कोषाध्यक्ष सुमित महाजन, सचिव बरिंदर प्रसाद चैरसिया और मीडिया प्रभारी अशोक सिंह भारत आदि ने दीप प्रज्वलित किया। इसके पश्चात सभी ने इस चिकित्सा प्रणाली के जनक लाजपत राय मेहरा के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अजय गांधी ने देश के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए समस्त न्यूरोथैरेपिस्ट व प्रतिनिधियों का हार्दिक अभिनंदन किया। इसके साथ ही इस विधा के समस्त समग्र विकास में उन सभी लोगों के योगदान की भरपूर सराहना की।