संतो के हत्यारों को कठोर दंड दे सरकार: हनुमान बाबा

 


हरीद्वार। महाराष्ट्र में दो संतों व उनके ड्राइवर की हत्या पर संत समाज में बेहद आक्रोश व नाराजगी व्याप्त है, इस घटना पर स्वयंभू श्री सिद्धेश्वर महादेव, मिस्सरपुर, कनखल, हरिद्वार के महंत  विनोद गिरि जी हनुमान बाबा (महानिर्वाणी अखाड़ा) ने सर्वप्रथम मृतक साधुओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस महाराष्ट्र में कभी संतों की रक्षा के लिए लोग अपने प्राणों की आहुति देते थे। आज वहां पर पुलिस की मौजूदगी में उन्मादी भीड़ के हाथों साधुओं की नृशंस हत्या हो रही है। ठाकरे का पुलिस-प्रशासन वहां पर खड़ा होकर तमाशबीन बनकर साधुओं की हत्या का तमाशा देख रहा है और वह संतो को बचाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों का रवैया बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है, ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार को सख्त से सख्त और बहुत जल्दी तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए । महाराष्ट्र सरकार को मामले की तत्काल उच्चस्तरीय जांच करवाकर भीड़ में शामिल सभी दोषियों को जल्द चिन्हित करके उन सभी के खिलाफ फास्टट्रैक कोर्ट में मामला चला कर ऐसी सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जो भविष्य में भीड़तंत्र के रूप में इकट्ठा होकर आयेदिन कानून हाथ में लेने वालें लोगों के लिए भविष्य में नजीर बन जाये।हनुमान बाबा ने कहा कि हमारे देश में जिस तरह से भीड़तंत्र का आतंक आयेदिन बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है, उसको रोकने के लिए केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार व देश के सभी राज्यों की सरकारों को रोकने के लिए तत्काल सख्त से सख्त प्रभावी कदम धरातल पर उठाने होंगे, तब ही आने वालें समय में देश में माहौल ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि आज जब देश में कोरोना आपदा के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है और उस वक्त में भी महाराष्ट्र में संत समाज के लोग तक सुरक्षित नहीं है तो बाकी लोगों की क्या स्थिति होगी इस हालात से अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र के पालघर के दहाणु तालुका के एक आदिवासी बहुल गडचिनचले गाँव में सैकड़ों लोगों की भीड़ के द्वारा जूना अखाड़ें के दो संतों और उनके ड्राइवर की पुलिस के सामने ही बड़ी बेरहमी से पीट-पीट कर गुरुवार 16 अप्रैल 2020 के देर रात को हत्या कर दी गयी थी। जिस नृशंस घटना में जूना अखाड़ा के महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) और कार ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) की बाद में अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी थी। जबकि यह लोग मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। दरअसल, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मंडी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल सोमनाथ के पास ब्रह्मलीन हो गए थे। जबकि घटना में जान गंवाने वाले यह दोनों संत महाराष्ट्र के कांदिवली ईस्ट के रहने वाले थे और मुंबई से गुजरात अपने ब्रह्मलीन गुरु भाई महंत राम गिरी जी की  समाधी की अंतिम क्रिया में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहाणु तहसील के गडचिनचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका और वहां पर सैकड़ों लोगों की एकत्र भीड़ ने उनको मार डाला था।


हनुमान बाबा ने कहा कि जब से दर्दनाक घटना की जानकारी देश के संत समाज को हुई है तब से उनमें बहुत ज्यादा आक्रोश व्याप्त है कि आखिर कैसे महाराष्ट्र में पुलिस कर्मियों के सामने ही दो महात्माओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है और पुलिस मूक दर्शक बनकर तमाशा देखती रहती है।


उन्होंने कहा कि यह मॉब लिंचिंग की घटना इंसानियत को शर्मसार करने वाली दरिंदगी की बेहद इंतेहा है। जिस तरह से तीन निहत्थे निर्दोष लोगों को जिनमें से दो साधु है उनको पुलिस की मौजूदगी में पीट पीटकर मार दिया जाता है और वहां पर खड़े पुलिस वाले तमाशबीन बने रहते है, इस तरह की घटना देशहित में घातक है और देश के विकास में अवरोधक हैं। हनुमान बाबा ने कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को तत्काल की साधु समाज की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए व पालघर हिंसा के दोषियों को नजीर बनने वाली सजा देनी चाहिए ।।