गंगा स्नान पर रोक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय श्रीकांत वशिष्ठ

 करोना के बढ़ते मामला मामलों को लेकर प्रशासन सजग हो गया है ।प्रशासन की ओर से गंगा स्नान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है । गंगा घाटों पर धारा 144 लगा दी गई है किसी भी यात्री और स्थानीय नागरिक को गंगा घाट पर जाने की इजाजत नहीं है। प्रशासन के इस निर्णय को लेकर पुरोहित समाज ने विरोध जताया है।


अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ट ने कहा सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान पर रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है। प्रशासन कायदे कानून बनाकर लोगों को गंगा स्नान में छूट दे सकता था । उन्होंने कहा मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर सुहागिन स्त्रियां गंगा स्नान करने के उपरांत पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा कर अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है। लेकिन प्रशासन के दोहरे रवैए के चलते महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया गया करुणा काल में भी प्रशासन ने दारु की दुकान को प्रतिबंध से मुक्त किया है, जबकि करोना संक्रमण का खतरा वहां भी सदैव बना रहता है ।ऐसे में प्रशासन को गंगा स्नान में भी छूट देना चाहिए था।