जलभराव बना जी का जंजाल

 हरिद्वार। हरिद्वार वासियों के लिए जलभराव की समस्या जी का जंजाल बन गई है थोड़ी बरसात होने पर भी गंदे नाले का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है इससे लोगों का कीमती सामान भी खराब हो रहा है सड़कों पर पानी जमा होने के चलते वाहनों का चलना भी मुश्किल साबित हो रहा है शहर में बेलगाम हो चले अतिक्रमण के चलते ही स्थिति बद से बदतर होती जा रही है स्थानीय निवासियों ने मिलीभगत कर बरसाती नाले पर भी कब्जा जमा लिया है जिसे हटाने में शासन प्रशासन के लोग नाकाम है वहीं भाजपा के कैबिनेट मंत्री व कांग्रेश की मेयर के बीच खींचतान लोगों की समस्याओं में इजाफा कर रही है।


बताते चलें कि बारिश होते ही होते हैं आमजन पर मानो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। पूरा शहर जलमग्न होने के चलते जलाशय नजर आता है। हालत इतने ख़राब हो जाते हैं कि लोगों का सड़कों पर चलना भी दूभर हो जाता है । गौर करने वाली बात है कि लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने में शासन प्रशासन के लोग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद हरिद्वार शहर को जलभराव से मुक्ति मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इन दिनों भाजपा के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व हरिद्वार नगर निगम की कांग्रेसी मेयर अनीता शर्मा के बीच तलवार खींची हुई है। दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर रहे हैं। रोजाना सोशल मीडिया पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा नहीं किया जा रहा है। लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। हाल में हुई बारिश के चलते हरिद्वार के प्रमुख बाजारों सहित लोगों के घरों में भी बरसाती पानी घुसने के कारण आमजन को खासी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। बरसाती सीजन में लोगों को पहले से ही करो ना वायरस का डर सता रहा था अब डेंगू की मौजूदगी से नींद उड़ गई है बड़ा सवाल यह है कि आखिर हरिद्वार जैसे आधुनिक शहर को भी जलभराव जैसी समस्याओं से क्यों जूझना पड़ रहा है इसके लिए कौन जिम्मेदार है आने वाले वर्ष में हरिद्वार में महाकुंभ पर्व का आयोजन होने जा रहा है इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपए का बजट भी जारी किया गया है क्योंकि हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में आता है ऐसे में इस क्षेत्र में ऐसी अवस्थाएं सरकार और प्रशासन पर तमाम सवाल खड़े करती है। हरिद्वार वासियों की मजबूरी है कि वह इस पर विश्वास करें , क्योंकि भाजपा और कांग्रेस पार्टी दोनों इस समस्या से निजात दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं।