प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि बकरीद पर सभी मुस्लिम भाइयों को इको फ्रेंडली बकरीद का पर्व बनाने पर जोर देना चाहिए। इससे एक और जहां निरीह जानवरों, बकरो के जीवन की रक्षा हो सकेगी, वहीं पर्यावरण भी सुरक्षित बना रहेग।
महंत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि बकरीद पर लाखों करोड़ों बेजुबान बकरों की बलि दी जाती है। इसके चलते बहने वाले खून की सफाई में भी लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। ऐसे में वे मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि वह इको फ्रेंडली बकरीद मनाने पर विचार करें। हिंदू समाज ने भी पर्यावरण को बचाने के लिए अपने त्योहारों को मनाने के तौर तरीकों में भी बदलाव को अपना लिया है। आज पर्यावरण की रक्षा के लिए रंगों के स्थान पर फूलों की होली मनाई जाती है। इसी प्रकार दीपावली पर पटाखों का परहेज किया जाता है। नवरात्रों में भी बलि प्रथा को समाप्त कर दिया गया है । अब बर्लिन नाम पर पेठा, मिठाइ आदि प्रतीक स्वरूप बलि दी जाती है । अन्य कई पर्व है जिसमें पारंपरिक तरीकों को छोड़कर प्रकृति के हित में रखकर त्यौहार मनाने की प्रवृत्ति शुरू हो गई है। इसलिए अब समय आ गया है प्रकृति के लिए होने बदलाव को मुस्लिम भाई भी स्वीकार करें । बकरीद जैसे पर्व पर प्रतीकात्मक बलि लेकर त्यौहार को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के तौर पर मनाए इससे सभी का कल्याण होगा।उनका सुझाव है प्रशासन को वार्ता के माध्यम से मुस्लिम भाइयों को इको फ्रेंडली बकरीद मनाने का प्रेरित करना चाहिए इससे एक और जहां निधि प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सकेगी वहीं पर्यावरण भी सुरक्षित बना रहेगा।